कौन मजिस्ट्रेट कितना दण्ड दे सकता हैं ? दण्ड न्यायालयों की शक्ति

इस आर्टिकल में हम दंड न्यायलयों की शक्तियों को समझने की कोशिश करेंगे। 

दंड प्रक्रिया संहिता,1973 की अध्याय 3 के धारा 26 से 35 तक मे दण्ड न्यायालय की शक्तियों को उल्लेखित किया गया हैं। संहिता की धारा 29 में "दण्डादेश,जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगेे " उपन्धित किया गया है। 

धारा 29 पढ़ने के पश्चात मेरा निष्कर्ष :- 

द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट (magistrate of the second class) का न्यायालय 1 वर्ष तक का कारावास या 5000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों (कारावास+जुर्माना) दोनो दे सकते हैं।
प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट (magistrate of the first class) एवं महानगर मजिस्ट्रेट का न्यायालय 3 वर्ष तक का कारावास या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों (कारावास+जुर्माना) दोनो दे सकते हैं।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) एवं मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (CMM) का नयायालय मृत्यु दण्डादेश,आजीवन कारावास, सात वर्ष से अधिक की अवधि के कारावास के दण्डादेश के सिवाय विधि द्वारा प्राधिकृत कोई भी दण्डादेश दे सकता है।

नोट:- दण्ड प्रक्रिया (संशोधन) अधिनियम,2005 के सेक्शन 5 द्वारा "पांच हजार" के जगह पर "दस हजार" प्रतिस्थापित तथा एक हजार रुपये के स्थान पर "पांच हजार रुपए प्रतिस्थापित । दूसरे शब्दों में समझा जाये तो वर्ष 2005 से पहले प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट एवं महानगर मजिस्ट्रेट 5 हजार रुपये तक और द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट हजार रुपये तक का  का जुर्माना का दण्डादेश दे सकते थे लेकिन दण्ड प्रक्रिया (संशोधन) अधिनियम,2005 के सेक्शन 5 द्वारा "पांच हजार" के जगह पर "दस हजार" प्रतिस्थापित तथा एक हजार रुपये के स्थान पर "पांच हजार रुपए प्रतिस्थापित  किया गया।

धारा 28 पढ़ने के पश्चात मेरा निष्कर्ष :- 
उच्च न्यायालय = विधि द्वारा प्राधिकृत कोई दण्डादेश दे सकता हैं।
सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश = विधि द्वारा प्राधिकृत कोई भी दण्ड दे सकता है किन्तु सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश द्वारा दिये गए मृत्यु दण्डादेश को उच्च न्यायालय (high court) द्वारा पुष्ट किये जाने की आवश्यकता होती हैं।।
सहायक सेशन न्यायाधीश = मृत्यु दण्डादेश, आजीवन कारावास, दस वर्ष से अधिक अवधि के कारावास के सिवाय विधि द्वारा प्राधिकृत कोई भी दण्ड दे सकता हैं।।

प्रारंभिक न्यायिक सेवा परीक्षा के अभ्यास हेतु कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न :-
(1)  दण्ड न्यायालय की शक्तियों को वर्णित किया गया है:
क. धारा 26- धारा 35
ख. धारा 36- धारा 45
ग. धारा 66- धारा 55
घ. इनमे से कोई नहीं।

(2) अध्याय 3 सम्बंधित हैं:
क. दंड न्यायालय के वर्ग
ख. न्यायालयों की शक्ति
ग. दण्ड के प्रकार
घ. इनमे से कोई नहीं।

(3) आजीवन कारावास का दण्ड पारित कर सकते हैं:
क. सेशन न्यायाधीश
ख. प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट
ग. सेकेंड क्लास मजिस्ट्रेट
घ. उपरोक्त सभी

(4) सेकेंड क्लास मजिस्ट्रेट सजा दे सकता हैं:
क. 3 वर्ष
ख. 7 वर्ष
ग. 1 वर्ष
घ. उपरोक्त सभी

(5) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट सजा दे सकता हैं:
क. मृत्यु
ख. 7 वर्ष
ग. आजीवन
घ. इनमें से कोई नही

(6) महानगर मजिस्ट्रेट सजा दे सकता हैं:
क. मृत्यु
ख. 7 वर्ष
ग. आजीवन
घ. इनमें से कोई नही

(7) प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट जुर्माना का दण्डादेश दे सकेंगे:
क. 10000 रुपये तक
ख. 15000 रुपये तक
ग. 20000 रुपये तक
घ. उपरोक्त सभी

(8) उच्च न्यायालय दण्डादेश नही दे सकता:
क. मृत्यु दण्ड
ख. आजीवन कारावास
ग. 10 साल से अधिक का कारावास
घ. इनमे से कोई नही

(9) सहायक सेशन न्यायालय दण्डादेश दे सकेंगे:
क. मृत्यु दंड
ख. आजीवन
ग. 10 वर्ष से अधिक अवधि का कारावास
घ. इनमे से कोई नही

(10) सेशन न्यायालय दण्डादेश दे सकेंगे:
क. मृत्यु दंड
ख. आजीवन
ग. 10 वर्ष से अधिक अवधि का कारावास
घ. इनमे से कोई नही

(11) सेशन न्यायालय दण्डादेश दे सकेंगे:
क. 10 साल
ख. 7 साल
ग. 8 साल
घ. उपरोक्त सभी

(12) प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट कारावास का  दण्डादेश दे सकेंगे:
क. मृत्यु दंड
ख. 3 साल
ग. 10 वर्ष से अधिक अवधि का कारावास
घ. इनमे से कोई नही

मुख्य न्यायिक सेवा परीक्षा एवं एलएलबी परीक्षा  के अभ्यास हेतु कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न :-
(1) न्यायालय की शक्तियों का वर्णन करे?
(2) धारा 29 के अनुसार मजिस्ट्रेट के दण्डादेश की शक्तियों का वर्णन करे?
(3) प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट एवं सेकेंड क्लास मजिस्ट्रेट की शक्तियों का उल्लेख करें?
(4) उच्च न्यायालय के दण्डादेश की शक्तियों को बताए?
(5) धारा 28 एवं 29 पर प्रकाश डालते हुए न्यायालयों की शक्ति से आप क्या समझते हैं बताये?
(6) उन दण्डादेश को बताइये जो सेशन न्यायालय एवं हाई कोर्ट दे सकेंगे?

चेतावनी:- इस आर्टिकल में त्रुटि होने की सम्भावना हैं,त्रुटि दिखाई देने पर सुचित करने का कष्ट करें,धन्यवाद।

स्रोत: CLA's BARE ACT, विकिपीडिया,इंटरनेट,परीक्षा मंथन घटनाचक्र।

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