कुतुब मीनार | कुतुब मीनार की संक्षिप्त इतिहास एवं विशेषताएं

  • कुतुब मीनार :
ऐसा माना जाता है की कुतुब मीनार का नाम कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम से पड़ा है क्योकि कुतुबुद्दीन ऐबक ने ए. डी. 1199 में मीनार की नींव रखी थी,कुतुब मीनार दक्षिण दिल्ली के महरौली में स्थित हैं। कुतुब मीनार ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। कुतुब मीनार की  ऊँचाई 72.5 मीटर तथा  व्यास १४.३ मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर  हो जाता है। कुतुब मीनार के दीवारों पर चारों ओर भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने देखने को मिलते  है। कुतुबमीनार के अंदर लगभग ३७९ सीढिया है।

  • विश्व की सबसे ऊंची ईंट की इमारत :
कुतुब मीनार की  ऊँचाई 72.5 मीटर  तथा कुतुब मीनार का  व्‍यास आधार पर 14.32 मीटर और 72.5 मीटर की ऊंचाई पर शीर्ष के पास लगभग 2.75 मीटर है।कुतुब मीनार ईंट से बना विश्व का सबसे ऊँची मीनार है।

  • बिजली गिरने से कुतुब मीनार का ऊपरी हिस्सा नष्ट हो गया था :
ऐसा कहावत है की आकाशी बिजली गिरने के कारण मीनार का ऊपरी हिस्सा नष्ट हो गया था,जो बाद में शायद  फिरोजशाह तुगलक द्वारा इसके ऊपरी हिस्से का फिर से निर्माण करवाया गया ।

प्रेरणा एवं निर्माण :
अफ़गानिस्तान में स्थित जाम कि मीनार से प्रेरित एवं उससे आगे निकलने की अभिलाषा से, कुतुबुद्दीन ऐबक, ने सन ११९३ में  मीनार का निर्माण शुरू करवाया,किन्तु  केवल मीनार का  केवल आधार ही बनवा सका।क़ुतुबुद्दीन ऐबक के उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया  तथा सन १३६८ में फीरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई । मीनार के निर्माण में  लाल बलुआ पत्थरका उपयोग किया गया है, जिस पर कुरान की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है।

  • कुतुब मीनार के आसपास स्थित ऐतिहासिक इमारतें एवं अन्य :

कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद 
कुतुब मीनार 
अलाई दरवाजा
इल्तुतमिश का मकबरा 
अलाई मीनार
अलाउद्दीन का मदरसा और कब्र 
इमाम जमीन की कब्र  
सेंडरसन का सन डायल 
मस्जिद 
दिल्ली का लौह स्तंभ 
इत्यादि 



नोट : हमारी वेबसाइट उपरोक्त सभी बातो के सत्य होने की पुष्टि नहीं करती है।
स्रोत : विकिपीडिया ,समाचार पत्र ,इंटरनेट , लोक कहावते है।


 

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