जाने महिलाओं के कौन कौन कानूनी अधिकार है? | महिलाओं के कानूनी अधिकार | महिलाओं के अधिकार | women's right |



नमस्कार दोस्तो, आशा करता हूँ आप कुशल होंगे। इस आर्टीकल (पोस्ट) में हम जानेंगे महिलाओं के कौन कौन विधिक अधिकार है। आज हमारे देश के महिलाओं को जागरूक होना अनिवार्य है क्योंकि उन्हें अपना अधिकार जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है महिलाओं को अपना अधिकार मालूम होगा तो ही महिलाएं अपना हक मांग सकेगी।

महिलाओं के कानूनी अधिकार एवं अधिनियम:-
(1) समान वेतन का अधिकार।
(2) रात में गिरफ्तार से छूट का अधिकार।
(3) पैतृक संपत्ति पाने का अधिकार।
(4) कामकाजी महिलाओं को गर्भावस्था में काम से छूट एवं  पूर्ण वेतन पाने का अधिकार।
(5) घरेलू हिंसा से संरक्षण का अधिकार।
(6) कार्य स्थल पर महिलाओं की यौन उत्पीड़न से सुरक्षा का अधिकार।


(1) समान वेतन का अधिकार:-
हमारे देश भारत मे महिलाये पुरुषों से कंधा से कन्धा मिलाकर काम कर रही है । वर्तमान भारत मे महिलाओं को सामना काम के लिए सामना वेतन पाने का अधिकार है। दूसरे शब्दों में बोला जाए तो जिस काम के लिए पुरुषों को जितना मजदूरी/वेतन मिलता है उसी काम के लिए महिला को भी पुरुषों इतना ही वेतन पाने अधिकार हैं। समान वेतन के अधिकार का उपबंध पारिश्रमिक अधिनियम के अंतर्गत किया गया है। अगर नियोक्ता लिंक के आधार पर वेतन में भेदभाव करता है तो नियोक्ता को दण्डित किया जाएगा।

(2) रात में गिरफ्तार से छूट का अधिकार:-
भारतीय विधियों एवं सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि महिलाओं को सूर्योदय से पहले तथा सूर्यास्त के बाद महिलाओं को गिरफ्तार करना विधि विरुद्ध कार्य है। जब कोई मामला ज्यादा गम्भीर होगा तब ही मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ही पुलिस महिला को सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय के पहले गिरफ्तार कर सकती है। साधारण मामले में पुलिस दिन में ही महिला को गिरफ्तार करने का अधिकार रखती है। किंतु महिलाओं की गिरफ्तारी केवल महिला पुलिस द्वारा ही कि जाएगी।

(3) पैतृक संपत्ति पाने का अधिकार :-
सबसे पहले आपको जानकारी दे दूँ हमारे देश के विधियों/कानूनों में समय समय पर संशोधन होते रहते है। वर्तमान समय मे हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अंतर्गत बेटी भी अपने पिता के सम्पति में अपने भाई के इतना हक रखती है। दूसरे शब्दों में बोला जाए तो विवाहित या अविवाहित स्त्री/महिला का उसके पिता के सम्पति में उसके अपने भाई के बराबर मात्रा में हक़ होता है। सम्पति का बटवारा बेटी एवं बीटा में बराबर मात्रा में करना होगा, बेटी को बराबर मात्रा में सम्पति देने से किसी को रोकने का अधिकार नही है।किंतु अगर पिता द्वारा अर्जीत सम्पप्ति होगा तो उस सम्पप्ति को पिता अपने मन के अनुसार बटवारा कर सकता है।


(4) कामकाजी महिलाओं को गर्भावस्था में काम से छूट एवं  पूर्ण वेतन पाने का अधिकार:- 
MATERNITY BENEFIT 

मातृत्व लाभ अधिनियम के अनुसार जो महिलाएं किसी दफ्तर अथवा किसी जगह पर काम करती है तो उनको प्रसव से पहले एवं बच्चे के जन्म के बाद आवश्यकता अनुसार अवकाश लेने का अधिकार होता है तथा इस अवकाश के दौरान उसके वेतन में किसी तरह की कटौती नही की जा सकती है। अगर नियोक्ता द्वारा maternity benefit act के नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो नियोक्ता को दण्डित करने का प्रावधान है।

(5) घरेलू हिंसा से संरक्षण का अधिकार:-
जिस महिला के साथ उसके घर मे अभद्र व्यवहार, महिला के साथ मार-पीट , लैंगिक शोषण,गाली गलौज आदि होता है उन महिलाओं को इस प्रकार के अनेक घरेलू हिंसा से बचाने के लिए भारत मे एक विधि बनाई गई है जिसका नाम "घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005" है। "घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005" (protection of women from domestic violence act 2005 ) का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को दण्डित करने का प्रावधान किया गया है।


(6) कार्य स्थल पर महिलाओं की यौन उत्पीड़न से सुरक्षा का अधिकार:- 
यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार कामकाजी महिलाओं/किसी जगह काम करने वाली महिलाओं/दफ्तरों में काम करने वाली महिलाओं के साथ यौन  उत्पीड़न करना अपराध है । महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाना नियोक्ता की जिम्मेदारी होती है इसलिए आवश्यक है कि नियोक्ता महिलाओं के सुरक्षा के लिए पूर्ण व्यवस्था करें। यौन उत्पीड़न अधिनियम के नियमों के उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को कठोर दंड देने का प्रावधान किया गया है।

* महिलाओं का यौन उत्पीड़न(निवारण, निषेद्य, निदान) अधिनियम का संक्षिप्त परिचय:-
Women and workplace Act निजी ,सरकारी, संगठनों, कम्पनी आदि पर प्रभावी होता है। महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए नियोक्ता को महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होती है। नियोक्ता का कर्तव्य है कि वो अपने महिला कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा देख रेख करे ताकि कोई महिला लैंगिक उत्पीड़न का शिकार नही हो।इस अधिनियम का मुख्य कार्य कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को पूरी तरह रोकना है।

* निम्लिखित यौन उत्पीड़न के श्रेणी के अंतर्गत आते है:-
  • प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप (direct/indirect) से यौन संबंध/संभोग की मांग करना।।
  • महिला के शरीर को उसके बिना मर्जी छूना या जबरदस्ती महिला के शरीर के किसी अंग को छूना।
  • अश्लील (गन्दी) बातें बोलना या गन्दे कॉमेंट करना।
  • अशलील वीडियो,अशलील फोटो,अशलील आडियो, अशलील मैसेज, आपत्तिजनक वस्तु एवं आपत्तिजनक लेख दिखाना। आदि।।

इन्हें भी जाने:-
Online RTI FILE PROCESS:-
https://www.neerajlegaladvisor.in/2020/07/rti-right-to-information-online-online.html

ONLINE आरटीआई अपील प्रक्रिया :- 

ऑनलाइन (ONLINE)आरटीआई आवेदन/अपील स्टेटस:-

ऑफलाइन आरटीआई फाइल करने की प्रक्रिया:-

नोट :- अगर आपके मन मे कोई प्रश्न है तो आप contact us में अपना प्रश्न लिख कर मेरे से अपना प्रश्न पूछ सकते है। हम आपके प्रश्नो का उत्तर 48 घंटे के अंदर देंगे। मेरा पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत। 

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